1. बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्री राकेश कुमार अरोड़ा अपनी परफार्मेंस को ले कर बड़े जागरूक थे | अपनी परफार्मेंस को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने के लिए उन्होंने किसी नियम या सीमा की परवाह नहीं की | NPA रिडक्शन के मामले में अपनी परफार्मेंस को अच्छा दिखाने के लिए वो कुछ भी करने (या करवाने ) को तैयार थे लेकिन अपनी जिम्मेदारी पर नहीं, अपने अधीनस्थों की जिम्मेदारी पर| वे हर गलत काम बैंक में करवाने को तैयार थे, लेकिन खुद की जिम्नमेदारी पर नहीं, बैंक के शाखा प्रबंधकों को जिम्मेदार बनाते हुए| उनके द्वारा प्रबंधक बैठकों में शाखा प्रबंधकों को खुले आम बैंक परिपत्रो / RBI निर्देशों के विपरीत गलत तरीकों से NPA ऋण खातों को छिपाने के लिए मौखिक रूप से निर्देश जारी किये जाते थे | दिनांक 19.08.2021 को गोंडा में हुयी एक ऐसी ही प्रबंधक बैठक में उन्होंने बैंक के बढ़ चुके NPA खातों को छिपाने के लिए, बैंक के CBS सिस्टम में KCC खातों में रिव्यु डेट बदलने के लिए अनुचित आदेश शाखा प्रबंधकों को मौखिक रूप से दिए | गोंडा की एक छोटी सी शाखा परास पट्टी मझवार के शाखा प्रबंधक श्री डैनियल कुमार सिंह द्वारा इस सम्बन्ध में बैंक के अध्यक्ष श्री राकेश कुमार अरोड़ा को एक पत्र दिनांक 20.08.2021 क्षेत्रीय प्रबंधक, गोंडा के माध्यम से ईमेल द्वारा प्रेषित किया गया था |
कुछ दिनों पूर्व बैंक में लगायी गयी एक RTI से इस बात खुलासा हुआ है कि शाखा परास पट्पटी मझवार का उक्त्त पत्र बैंक रिकार्ड में मौजूद ही नहीं है | RTI ज़वाब में इसके लिए क्षेत्रीय कार्यालय, गोंडा को अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार बताया गया है | यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्री राकेश कुमार अरोड़ा ने अपने गलत कार्यों की जिम्मेदारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों पर डालने में जरा भी संकोच नहीं किया | RTI के जवाब में बैंक के जन सूचना अधिकारी श्री किशोर चिलाना द्वारा जानकारी दी गयी है कि बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय, गोंडा ने सूचित किया है कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार शाखा परास पट्टी मझवार का पत्र / ईमेल क्षेत्रीय कार्यालय, गोंडा को प्राप्त ही नहीं हुआ है |
इस RTI जवाब के कारण अब सम्बंधित अभिलेखों का निरीक्षण करने हेतु RTI फाइल करनी पड़ेगी | जो भी ईमेल भेजी जाती हैं यदि वे किसी कारण से डिलीवर नहीं होती हैं तो इसकी सूचना एक Return Email के माध्यम से प्रेषक को प्राप्त हो जाती है | इस केस में कोई Return Email प्राप्त नहीं हैं अतः यदि इस मेल को बैंक रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया है तो ईमेल print करने और उसे ईमेल रजिस्टर में चढाने हेतु जिम्मेदार सम्बंधित कर्मचारी / अधिकारी के लिए समस्या हो सकती है |
2. प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक में स्टाफ Grievance Redressal System का बहुत बुरा हाल है | एक RTI द्वारा इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक में वर्ष 2022-23 में मात्र एक स्टाफ ने इस सिस्टम के अंतर्गत शिकायत दर्ज करायी थी और उसकी शिकायत का भी 2022-23 में निस्तारण नहीं किया गया | इससे स्पष्ट हो जाता है कि बैंक में लागू Staff Grievance Redressal System पर बैंक के स्टाफ का भरोसा नहीं हैं |
बैंक की अधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध वार्षिक रिपोर्ट 2023-23 के अनुसार बैंक की 956 शाखाओं में 4151 कार्मिक कार्य करते हैं (प्रधान कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत स्टाफ को छोड़ कर) | इतने कार्मिकों में से केवल एक कार्मिक ने ही वर्ष 2022-23 में Grievance Redressal System पर विश्वास दिखाते हुए अपनी शिकायत भेजी और बैंक ने उसका भी निस्तारण वर्ष 2022-23 में नहीं किया, और पूरे वर्ष में एक भी स्टाफ शिकायत का निस्तारण न करने का शानदार रिकार्ड बैंक ने अपने नाम कर लिया |
बैंक के अध्यक्ष , महाप्रबंधकों, क्षेत्रीय प्रबंधकों, निदेशक मंडल के सदस्यों सहित बैंक के समस्त स्टाफ को यह शानदार रिकार्ड बनाने की बहुत बहुत बधाइयाँ
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