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Showing posts from September, 2023

गिलास आधा भरा है या आधा खाली ? आप ही तय करें।

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  आज मैं चुप रहूंगा !

अगर सुधरेंगे नहीं, तो पेले जायेंगे जन सूचना अधिकारी।

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प्रयागराज के 150 जन सूचना अधिकारियों पर राज्य सूचना आयोग ने 38 लाख रुपयों की पेनाल्टी लगाई है। यह चेतावनी है उन अधिकारियों के लिए जो अपनी कुर्सी की पावर के नशे में अपने को कानून के ऊपर समझने लगे हैं।  

बहुत महंगा पड़ा सूचना न देना, अब भरेंगे 35000 का जुर्माना

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इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस निर्णय ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यदि सही आरटीआई फाइल की गई हो और बिना त्रुटी के अपील /शिकायत भी दायर की गई हो तो जन सूचना अधिकारी (सूचना न देने पर) जुर्माना से बच न सकेंगे। इस मामले में सूचना आयोग द्वारा जन सूचना अधिकारी पर 25000/- का दंड लगाया गया, जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट बरकरार रखा और दस हजार रु का जुर्माना भी लगाया।  

2600 Public Information Officers penalized by SIC UP

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उतर प्रदेश में 2600 जनसूचना अधिकारियों  पर  6.50 करोड का जुर्माना राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाया गया है।

PG पोर्टल पर शिकायत का समाधान नहीं हुआ तो अब क्या कर सकते हैं ?

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 PG पोर्टल जनता की शिकायतों के निस्तारण का एक जाना माना पोर्टल है, जो कि  Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions   के    Department of Administrative Reforms and Public Grievances द्वारा संचालित किया जाता है | कई बार ऐसा होता है कि इस  पोर्टल पर आपकी शिकायत का निस्तारण शिकायत करने और अपील करने पर भी नहीं होता हैं | तो अब ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए ? इस स्थिति में आप   Directorate of Public Grievances ( DPG )   के पोर्टल पर, आपके द्वारा  पूर्व में  PG पोर्टल पर की गयी शिकायत के बारे में पूर्ण सूचना देते हुए, शिकायत दर्ज कर सकते हैं | जिन शिकायतों का समाधान PG पोर्टल पर न हो पाया हो उनका समाधान इस पोर्टल पर संभव है |  ऊपर दिखाए  गए चार्ट से पता चलता है कि DPG पर प्राप्त शिकायतों में से 75% का निपटारा शिकायतकर्ता के पक्ष में किया गया है |  8% का निपटारा आंशिक रूप से शिकायतकर्ता के पक्ष में हुआ है केवल 17% मामलों में शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला नहीं हुआ है | किन्तु यहाँ एक समस्या है कि इस पोर्टल पर सभी केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों की शिकायत नहीं देखी जाती है| ज